हिंदी दिवस मनाना प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण है। यह हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति को सम्मान देने का एक तरीका है जो 14 सितंबर के रूप में मनाया जाता है । Hindi Diwas 2020 हिंदी भाषा को संवैधानिक रूप से 14 सितंबर 1949 को राजभाषा घोषित किया गया हालांकि जनवरी 1950 में इसे संविधान द्वारा आधिकारिक रूप में प्रयोग करने का विचार स्वीकृत किया गया ।
राजभाषा: राजभाषा का शाब्दिक अर्थ है राजकाज की भाषा। देश के राजकीय कार्यों केेेे लिए प्रयुक्त होने वाली भाषा को राजभाषा कहते हैं
राजाओं- नवाबों के समय में इसे दरबारी भाषा कहा जाता था।
हिंदी भाषा का इतिहास: हिंदी को जनमानस की भाषा और राष्ट्र की उन्नति के लिए हितकारी बताते हुए 1918 में गांधी जी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात कही।
1949 में स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा का निर्णय लेते हुए भारतीय संविधान के 17 वें अध्याय के अनुच्छेद 341(1) में कहा गया है कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंको का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
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हिंदी शब्द की उत्पत्ति: हिंदी शब्द की उत्पत्ति भारत के उत्तर पश्चिम में बहने वाली नदी 'सिंधु' से संबंधित है। अधिकांश विदेशी यात्री और आक्रांता उत्तर-पश्चिम सिंहद्वार से ही भारत आए। भारत में आने वाले इन विदेशियों ने जिस देश के दर्शन किए वह 'सिंधु का देश' था। ईरान (फारस) के साथ भारत के बहुत प्राचीन काल से ही संबंध है और ईरानी 'सिंधु' को 'हिंदू' कहते हैं। 'हिंदू' से 'हिन्द' बना और फिर 'हिंद' में फारसी भाषा के संबंध कारक प्रत्यय 'ई' लगने से हिंदी बन गया। इस प्रकार हिंदी शब्द की उत्पत्ति 'हिंद देश के निवासी' के अर्थ में हुई ।आगे चलकर यह शब्द 'हिंद की भाषा' के अर्थ में प्रयुक्त होने लगा।
हिंदी भाषा के संदर्भ में कुछ दिलचस्प तथ्य
हिंदी भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जो इसे अद्वितीय बनाते हैं।
- हिंदी शब्द मूलतः फारसी भाषा का शब्द है न की हिंदी भाषा का।
- भाषा परिवार के आधार पर यह भारोपीय (इंडो यूरोपियन) परिवार की भाषा है जो देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
- हिंदी के आदि जननी संस्कृत हैं और हिंदी में कई शब्द संस्कृत से प्रेरणा लेते हैं।
- हिंदी को पूरी तरह ध्वनियात्मक लिपि में लिखा जाता है (मतलब जैसा बोला जाता है वैसे ही लिखा जाता है)।
- दुनिया भर में कई ऐसे शब्द है जो अंग्रेजी के शब्द प्रतीत होते हैं लेकिन वास्तव में वे हिंदी भाषा के शब्द है जैसे -जंगल ,कर्म, योग ,गुरु ,बंगला आदि।
- दुनिया की हर ध्वनि हिंदी भाषा में लिखी जा सकती है।
- हिंदी भाषा में विशेषण और क्रिया है लिंग के आधार पर भिन्न होते हैं।
- हिंदी उन भाषाओं में से एक हैं जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
- हिंदी भाषा का प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान ,नेपाल, फिजी ,श्रीलंका, सिंगापुर, यूएसए ,यूएई ,ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी किया जाता है।
हिंदी दिवस मनाने का कारण
हिंदी विश्व में व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में अंग्रेजी ,स्पेनिश, चाइनीस के बाद चौथा स्थान रखती है भारत की 77% आबादी हिंदी भाषा का उपयोग करती है इसलिए हिंदी भाषा के महत्व का जश्न मनाने के लिए 14 सितंबर का दिन निश्चित किया गया है।
हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता
अंग्रेजी भाषा हमारे राष्ट्र के पांव में बेड़ी बनकर पड़ी हुई है ...भारतीय विद्यार्थियों को अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित करने पर कम से कम 6 वर्ष अधिक बर्बाद करने पड़ते हैं... यदि हमें एक विदेशी भाषा पर अधिकार पाने के लिए जीवन के अमूल्य पर लगा देने पड़े तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता।
हिंदी ही हिंदुस्तान के शिक्षित समुदाय की सामान्य भाषा हो सकती है यह बात निर्विवाद सिद्ध है जिस स्थान को अंग्रेजी भाषा आजकल लेने का प्रयत्न कर रही हैं और जिसे लेना उसके लिए असंभव है वही स्थान हिंदी को मिलना चाहिए क्योंकि हिंदी का उस पर पूर्ण अधिकार है वह स्थान अंग्रेजी को नहीं मिल सकता क्योंकि वह विदेशी भाषा है और हमारे लिए बड़ी कठिन है।
गांधीजी का मानना है कि जिस भाषा में तुलसी जैसे कवि ने कविता की हो वह भाषा अत्यंत पवित्र है और उसके सामने कोई भाषा टिक नहीं सकती इसलिए हमें अपनी भारतीय सभ्यता और संस्कृति को बनाए रखने के लिए अपनी उन्नति के लिए हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना अति आवश्यक है।
हिंदी भाषा एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें इंसान अपनी अनुभूति और अभिव्यक्ति पूर्ण रूप से कर सकता है। वर्तमान में कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से शुद्ध हिंदी में वार्तालाप नहीं करता यह एक गंभीर विषय है ।जिसका समाधान ढूंढना नितांत आवश्यक है भारत देश में ऐसी महान विभूतियों ने जन्म लिया है जिन्होंने हिंदी भाषा का महत्व समझाऔर उससे बखूबी सम्मान प्रदान किया है।
अटल बिहारी बाजपेई जी नहीं तो एक बार डब्ल्यूटीओ की बैठक में हिंदी में ही इतना प्रभावशाली भाषण दिया कि भाषण सुनकर विश्व का हर एक व्यक्ति स्तब्ध रह गया। वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा भी हिंदी का महत्व दुनिया को बताने मैं कोई कसर नहीं छोड़ी गयी ।देश में हो या देश के बाहर वे हमेशा हिंदी में अपना भाषण देते हैं और हिंदी भाषा इतनी प्रभावशाली है कि वर्तमान में समूचे विश्व में लोग हिंदी पढ़ने और सीखने के लिए भारत आते हैं ।
"हिंदी हमारी संस्कृति की आत्मा" है जो उन्नति का सूचक है इसलिए इसका महत्व समझें इसका प्रचार प्रसार कर विश्व पटल पर हिंदी भाषा का वर्चस्व स्थापित करने में सहयोग करें।