Mutual Fund में निवेश से अच्छा खासा लाभ मिल सकता है। परंतु इसके लिए बहुत सी जरूरी बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है इसके लिए हम बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी गलतियां जिन्हें निवेश करने वाले व्यक्ति को नहीं करना चाहिए।
पिछले कुछ समय से कई तरह की घटनाओं से डरकर लोग अब घर में पैसा रखना जोखिम समझने लगे हैं। इसके लिए वे इन्हें या तो बैंक में जमा करवाना चाहते हैं या इन्हें किसी अच्छी जगह इन्वेस्ट करना चाहते हैं। इस तरह से कई लोगों को अपने पैसे पर बढ़िया रिटर्न के लिए म्युचुअल फण्ड में निवेश करने से अच्छा तरीका और कोई नहीं लगता। ऐसे में यदि आप भी Mutual Fund में निवेश करने जा रहे हैं और बढ़िया रिटर्न चाहते हैं तो थोड़ा सावधान होने की और Invest in Mutual Fund में इन गलतियों से बचने की आवश्यकता है।
वैसे तो आज के जमाने में लोग आसान तरह से और अच्छे रिटर्न के लिए म्युचुअल फण्ड में एसआईपी यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत ही निवेश करते हैं। इसके लिए Mutual Fundनिवेशक को चाहिए कि वह लगातार और अनुशासित निवेश करें। लेकिन एसआईपी के कारण बहुत सारे निवेशक कई गलतियां कर बैठते हैं जिससे उन्हें भारी घाटा सहन करना पड़ता है। इसलिए निवेश करते हुए कुछ सावधानियों को बरतना चाहिए और गलतियों से बचना चाहिए।
कोई भी निर्णय जल्दबाजी में ना लें:
यदि आप कोई भी निवेश करते हैं तो यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आपको अच्छा रिटर्न ही मिले क्योंकि ऐसे मामलों काफी लंबे समय की जरूरत होती है। कभी आपको अच्छा लाभ मिल सकता है तो कभी बड़ी हानि होती है। ऐसे वक्त में अपना पैसा नहीं निकालना चाहिए। Mutual Fund में निवेश से बढ़िया लाभ के लिए कुछ साल का वक्त जरूरी होता है इसलिए यह माना जाता है कि ऐसे कामों में जल्दबाजी ना तो निवेश करने में करनी चाहिये और ना ही पैसा वापस निकालने में।
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अधिक अच्छे रिटर्न के चक्कर में ना रहें:
निवेश करने वाले व्यक्ति अक्सर यही सोचते हैं कि जिस स्कीम में अच्छा रिटर्न मिल रहा है उसमें ही इन्वेस्ट करना चाहिए। इसके लिए वे रिटर्न चार्ट पर निर्भर रहते हैं और सबसे पहले पायदान पर रहने वाली स्कीम्स की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। परंतु यह म्युचुअल फण्ड चुनने का गलत तरीका है। आपको हमेशा म्युचुअल फण्ड यह देखकर चुनना चाहिए। इसने लम्बे वक्त से कैसा प्रदर्शन किया है और यह कितने समय से अच्छा और बुरा दोनों प्रकार का लाभ देते आ रहा है। परंतु यह ध्यान रखना चाहिए कि सिर्फ किसी स्कीम के पिछले प्रदर्शन के हिसाब से भी उसे सेलेक्ट ना करें क्योंकि समय के अनुसार रिटर्न्स बदलते रहते हैं।
बहुत अधिक नहीं बल्कि कुछ स्कीमों में ही करें निवेश:
यदि अपने Mutual Fund पोर्टफोलियो में कई सारी स्कीम्स भर दी हैं तो यह आपके रिटर्न को कम कर सकता है। इससे एक और दिक्कत यह भी होती है कि सभी स्कीम्स के लाभ पर और इनके प्रदर्शन पर एक साथ नज़र रखना मुश्किल हो जाता है इसलिए आपको ज्यादा नहीं बल्कि कुछ ही स्कीम्स को चुनना चाहिए। जिससे आपके वित्तीय लक्ष्य पूरे हो सकें और यह आपके प्रोफाइल के अनुसार भी हो।
एसआईपी को नहीं रोकना चाहिए:
कई बार निवेशक म्युचुअल फण्ड तहत शेयर में एसआईपी द्वारा निवेश करते हैं और बाजार के गिरते ही वे अपना पैसा वापस निकाल लेते हैं अथवा एसआईपी को रोक देते हैं। परंतु ऐसा करने से कभी कभी घाटा भी हो सकता है क्योंकि जब बाजार गिरता है तो शेयर की कीमत भी कम हो जाती है और कम रुपये में अधिक यूनिट मिलते हैं और बाजार बढ़ने के साथ शेयर्स की कीमत में भी इजाफा होता है।
ध्यान रखना चाहिए कि मिड और स्मॉल कैप फण्ड में अधिक निवेश ना हो:
आजकल के निवेशक मल्टी कैप और लार्ज कैप की तुलना में मिड और स्मॉल कैप में अधिक निवेश कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यही है क्योंकि इन मिड और स्मॉल कैप पिछले दो तीन सालों से अच्छा एनुअल रिटर्न दे रहे हैं जो कि 23% और 17% है। परंतु यह कम ही लोग जानते हैं कि बाजार गिरने के साथ ये ही अधिक प्रभावित भी होते हैं जिससे इनमें निवेश करने से जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि मिड एंड स्मॉल कैप फण्ड में कम ही निवेश करना चाहिए।