सभी जानते हैं कि कोविड-19 के दौरान विश्वव्यापी लॉक डाउन में सभी कामकाजी लोगों को घर पर ही रहना पड़ा। जिस वजह से किसी की कमाई नहीं हुई तो किसी की नौकरी ही चली गयी। बहुत सारे लोगों पर इसके भिन्न-भिन्न प्रभाव पड़ा है। अब भले ही अनलॉक हो रहा हो परन्तु फिर भी यह बीमारी विकराल रूप ले रही है। ऐसे में लोग बैंकों से लोन लेने में भी कतरा रहे हैं। इसी तरह की दिक्कत का सामना करते हुए रिज़र्व बैंक लगातार यह प्रयास कर रहा है कि किसी तरह यह समस्या सुलझाई जाए। इसलिए रिज़र्व बैंक ने रेपो दर (0.75%) और रिवर्स रेपो दर में कटौती कर उन्हें कम कर दिया है। अब बैंकों पर भी दबाव बन रहा है कि वे अपनी लोन यानी कर्ज़ की दरें कम करें ताकि लोग सस्ते लोन के कारण ही सही लोन लेने में आनाकानी ना करें।
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इसी कारण देश के दो बैंकों बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने ब्याज की दरों में कटौती कर उन्हें कम कर दिया है। इसके लिए इन बैंकों ने एमसीएलआर में 0.10% की कटौती की है। इस वजह से ईएमआई पर भी असर देखने को मिलेगा।
सबसे पहले क्या आप लोग जानते हैं कि एमसीएलआर का मतलब क्या होता है? तो आइये जानते हैं
एमसीएलआर का पूर्ण रूप है (MCLR) मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फण्ड बेस्ड लेंडिंग रेट्स। अब इसके आधार पर ही कोई भी व्यक्ति बैंक से लोन लेता है। पहले जब बैंक से कर्ज़ दिया जाता था तो यह आधार दर (उस ब्याज की न्यूनतम दर जो बैंक द्वारा लिया जाता है) पर आधारित होता था। परंतु अब इस आधार दर के स्थान पर एमसीएलआर का यूज़ किया जा रहा है जो आधार दर से कम महंगा होता है।
आइये देखते हैं कि इन बैंकों ने एमसीएलआर दर में क्या परिवर्तन किये हैं
बैंक ऑफ महाराष्ट्र:
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अलग अलग कर्ज की दरों की जानकारी शेयर बाजार को दी है। इसमें बैंक द्वारा बताया गया है कि एक वर्ष के लोन पर एमसीएलआर 7.40% से कम करके 7.30% की गई है। 6 महीने के लोन पर एमसीएलआर की दर 7.30% से 7.25% की गयी है। 3 महीने के लिए यह दर संशोधित करके 7.20% की गई है और एक महीने तथा एक दिन के लिए कटौती की गयी संशोधित दर क्रमशः 7% और 6.80% है। सोमवार से बैंक की ये नई संशोधित दरें लागू की गयी हैं।
इंडियन ओवरसीज़ बैंक:
बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तरह इंडियन ओवरसीज़ बैंक ने भी एमसीएलआर की दरों में परिवर्तन कर संशोधन किया है। बैंक ने शेयर बाजार को सूचना देते हुए कहा है कि उनके द्वारा सभी प्रकार के कर्ज़ों के लिए जरूरी एमसीएलआर की दर में 0.10% की कटौती की गयी है। इसमें एक वर्ष के लिए एमसीएलआर की दर घटाकर 7.55%, 6 महीने के लिए 7.55% और 3 महीने के लिए 7.45% की गयी हैं। इस तरह से नयी संशोधित दरें 10 सितम्बर से लागू की गयी हैं।
हाल ही में एसबीआई ने भी एमसीएलआर रिसेट फ्रीक्वेंसी में परिवर्तन कर उसे एक वर्ष से कम करके 6 महीने कर दिया है। जिससे बैंक अब ब्याज दरों की समीक्षा 6 माह के अंतराल पर करेगी। इस तरह से बैंकों के एमसीएलआर घटाने पर लोगों को सस्ते लोन मिल सकेंगे और इससे ईएमआई का बोझ भी कम हो जाएगा। जिससे Home loan Rate, कार लोन, पर्सनल लोन आदि अनेक प्रकार के लोन लेने में ब्याज की दर कम हो जाएगी। अब लोग अधिक से अधिक लोन कम ब्याज दरों पर ले सकते हैं।