केंद्र सरकार की ओर से CBIC (Central Board of Indirect Taxes and Customs) ने ट्वीट करके इस नई जानकारी को सभी के साथ साझा किया। ट्वीट में बोर्ड ने लिखा है -"आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर चुनाव आयोग से उचित मंजूरी हासिल करने के बाद सरकार ने GST R-9 तथा GST R-9c के तहत वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख को 30 सितम्बर से बढाकर 31 अक्टूबर कर दिया है।" आपको बता दें कि यह अंतिम तिथि काफी बार बदली जा चुकी है। पहले वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक जीएसटी भरने की तारीख को 30 सितम्बर तक तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था परन्तु अब जीएसटी रिटर्न फाइल करने की यह अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक एक महीने के लिए पुनः बढ़ाई गयी है। GST Return Due Date
इस तारीख के बढ़ने से कई कारोबारियों और करदाताओं को बड़ी राहत मिली है क्योंकि कोरोना जैसे महान संकट के बीच वे लोग अपना कार्य समय पर नहीं कर पाए या जीएसटी रिटर्न भरने हेतु सम्पूर्ण दस्तावेज़ जुटाने में असमर्थ रहे।
अब आप लोग शायद यह सोच रहे होंगे कि ये जीएसटीआर-9 तथा जीएसटीआर-9c आखिर है क्या?
दरअसल जीएसटीआर-9 एक तरह का वार्षिक रिटर्न है जिसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत भरा जाता है इसके लिए एक फॉर्म भरना होता है जिसमें अपनी वर्ष भर की सारी जानकारी देनी होती है जैसे- कुल सप्लाई, प्राप्त रकम सभी गतिविधियों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ इस फॉर्म को भरकर जमा करना होता है।
जीएसटीआर-9c यह एक तरह का फॉर्म है जिसे स्टेटमेंट फॉर्म या ऑडिट फॉर्म कहा जाता है जिससे जीएसटीआर-9 तथा वार्षिक वित्तीय स्टेटमेंट का मिलान करवाकर उनका सामंजस्य देखा जाता है। इसे हम एक प्रकार की घोषणा के रूप में समझ सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : 5 गलतियों से बचकर करें Mutual Fund में निवेश | Invest in Mutual Fund
गौरतलब है कि सितम्बर माह के एकत्रित जीएसटी के आंकड़े भी अभी जारी किए जाएंगे तथा जीएसटी काउन्सलिन्ग की बैठक भी इसी महीने 5 अक्टूबर को होने जा रही है।
बिज़नेस की बात की जाए तो यह संभव माना जा रहा है कि e-invoicing भी कुछ माह के लिए स्वेछिक किया जा सकता है परन्तु यह कहना मुश्किल है क्योंकि अभी तक सरकार द्वारा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
इस तरह से अब जीएसटी रिटर्न भरने वाले लोगों को डेडलाइन बढ़ने से दस्तावेज जुटाने तथा अन्य कार्यों के लिए बहुत समय मिल गया है जिससे उन्हें काफी राहत भी मिली है।