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कर्ज चुकाने मे असमर्थ लोगों की बैंक करें मदद | The Minister of Finance

विश्वव्यापी कोविड-19 के चलते हैं जहां एक ओर अर्थव्यवस्था आर्थिक संकट से होकर गुजर रही है वहीं दूसरी ओर कर्ज चुकाने में असमर्थ लोगों की मदद के लिए वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण ने बड़ा एलान किया है।


The Minister of Finance निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की। इस बैठक में मुख्य रूप से वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से संबंधित वित्तीय दबाव पर चर्चा और ऋण पुनर्गठन योजना की समीक्षा की गई।

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कोविड-19 के मध्य नजर कर्ज लेने वाले जो लोग संकट में हैं उन्हें राहत देने के लिए बैंकों के लोन रेसोलुशन फ्रेमवर्क पर उनकी तैयारियों की वित्त मंत्री ने समीक्षा की। वित्त मंत्री ने निर्देश दिया कि लोन मोरटोरियम जैसे ही खत्म होता है कोविड -19 के चलते जिन लोगों को बैंक सपोर्ट की जरूरत है उन्हें मदद करें  उन्होंने कहा कोविड-19 के चलते वित्तीय संकट में आए लोग बैंक के कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं उन्हें मदद करें।


वित्त मंत्री ने कहा बैंक अपने बोर्ड से मंजूरी लेकर रेसोलुशन प्लान तैयार करें ऐसे कर्ज लेने वालों की पहचान करें जो वित्तीय संकट में है और उनके कारोबारियों को संकट से उबारने के लिए भी बैंक रेसोलुशन प्लान बना कर उसे लागू करें।वित्त मंत्री ने 15 सितंबर तक रेसोलुशन प्लान पेश करने का आदेश दिया है और कहां है कि मीडिया में प्रचार के माध्यम से लोगों को इस बारे में अवगत कराया जाए । बैंकों ने वित्त मंत्री को बताया कि रेजोल्यूशन प्लान तैयार है और ऐसे कर्ज लेने वालों की पहचान की जा रही है जो संकट में है।


इसके साथ ही 20.97 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 2100000 करोड़ के पैकेज की घोषणा की इस पैकेज में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया। इसका वित्तीय बोझ बैंकों  पर पड़ रहा है यह बैठक ऐसे समय में हुई जब शीर्ष अदालत ने भी बैंक ऋणों के पुनर्गठन के संबंध में एक बयान दिया है अदालत ने कहा है कि बैंक ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन वे  महामारी के दौरान ईएमआई को स्थगित करने की योजना के तहत ईएमआई भुगतान को स्थगित करने के लिए ब्याज वसूलने के लिए ईमानदार उधार कर्ताओं को दंडित नहीं कर सकते हैं।


किनको बड़ा फायदा:

नए कानून का मकसद नौकरी पेशा वाले लाखों लोगों की मदद करना है। इस वर्ग के लिए नौकरी चले जाने पर बैंकों का लोन चुकाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि सैलरी नहीं मिलने से ये होम लोन ,पर्सनल लोन ,कार लोन आदि  की ईएमआई नहीं दे पाते हैं इसके साथ छोटे कारोबारियों, वेंडर को भी इसके तहत सहूलियत देने की तैयारी है।


यदि आप भी बैंकों के कर्ज के बोझ मैं दबे हुए है तो यह आपके लिए राहत की ख़बर है ।सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही हैं जिसके तहत बैंकों के कर्ज चुकाने में असमर्थ लोगों को आसान किश्तों में लोन चुकाने से लेकर समय सीमा की मोहलत दी जाएगी। यानी, अगर आपने किसी बैंक से लोन लिया है और आपकी नौकरी चली गई है तो वैसे स्थिति में बैंक आपसे लोन चुकाने का दबाव नहीं बना पाएगा। नए कानून के तहत आपको आसान किस्तों में लोन चुकाने का मौका दिया जाएगा।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार इन्वेस्टमेंट करने से पहले आप अपने एडवाइजर से अवश्य परामर्श लें या उस से सम्बंधित दश्तावेज़ों का अध्यन अवश्य करें। हम आपके किसी भी फायदा या नुक्सान के लिए जिम्मेदार नहीं माने जायेंगे।

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