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मल्टीग्रेन रोटी के फायदे | Benefits of Multigrain Roti

आज के समय में लगभग हर इंसान अपनी व्यस्त दिनचर्या में उलझा रहता है। वह हर कार्य को जल्दी से जल्दी पूरा करने की इच्छा के कारण कई बार खाने से परहेज करने लगता है। ऐसे समय में इंसान चाहता है कि उसे ऐसा खाना मिले जो जल्दी बनकर तैयार हो जाए और बेवजह किसी कारणवश वक्त बर्बाद ना हो। अपने इसी तरह के जल्दबाजी के व्यवहार और पौष्टिकता को छोड़कर स्वाद चाहने वाले लोग फास्ट फूड जैसे खाने की तरफ आकर्षित होने लगते हैं और उन्हें खाने में मैगी बिस्किट्स जैसी चीजें ज्यादा पसंद आती हैं। इस तरह की चीज़ें उन्हें जल्दी तो मिल जाती हैं परंतु इनसे शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। इसीलिए ऐसे में लोगों को इस तरह का भोजन करना चाहिए जिससे एक ही भोजन में कई सारे अनाजों के पोषक तत्व उन्हें प्राप्त हो जाए। इससे उनके स्वास्थ्य को भी कोई नुकसान नहीं होता और यह पौष्टिकता से भरपूर होता है। क्या आप जानते हैं यह कैसे संभव है? एक ही साथ कई सारे पौष्टिक तत्व मिल सकते हैं मल्टीग्रेन आटे से जिसे कंबाइंड फ्लोर भी कहते हैं।


मल्टीग्रेन का अर्थ होता है कि 'बहुत सारे अनाज' और आटे के विषय में तो आप सब जानते ही होंगे, इस तरह वह आटा जो विभिन्न प्रकार के अनाजों से मिलकर बनाया हुआ होता है। Benefits of Multigrain Roti इसका मतलब है जौ, गेहूं, तिल, चना, बाजरा, मक्का, मंडुआ, सोयाबीन आदि में से कोई भी 4 या 5 अनाजों के आटे को मिलाकर कम्बाइंड आटा तैयार किया जाता है। यह शरीर के लिए अत्यंत ही लाभकारी होता है। इसे घर पर भी तैयार किया जा सकता है। और इसमें कई सारी सब्जियों की स्टफिंग भरके इसे और भी स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। क्या आप लोग यह भी जानते हैं कि इसके क्या क्या लाभ हैं? आइये इसके लाभ के बारे में जानते हैं


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इस तरह के मल्टीग्रेन आटे का उपयोग विभिन्न रोगों से बचने के लिए किया जा सकता है


  • रक्तचाप से बचाव के लिए मल्टीग्रेन आटे का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है। इस आटे में गेहूं सोयाबीन, चना, अलसी और कुछ दालों के आटे मिलाए जा सकते हैं। 
  • मोटापे से ग्रसित व्यक्तियों के लिए भी गेहूं के आटे के साथ चना, बाजरा आदि जैसे भिन्न प्रकार के अनाजों के आटे को मिलाकर इसके सेवन से लाभ मिल सकता है और वजन कम होने में यह सहायता करता है।
  • कमजोरी और दुर्बलता से ग्रसित व्यक्तियों के लिए मल्टीग्रेन आटा शारीरिक हृष्ट-पुष्ट बनाने में मदद करता है। इसके लिए चना,गेहूं,जौ के आटे की रोटियों के साथ सब्जियां और फलों का सेवन भी फायदेमंद है।
  • एक बड़ी बीमारी मधुमेह का बचाव भी मल्टीग्रेन आटे द्वारा हो सकता है। इस आटे में मेथी और जौ के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर खाना चाहिए। यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का कभी-कभी असंतुलन हो जाता है जिससे कई प्रकार की परेशानियां होती हैं। ऐसे में सोयाबीन,चना और गेहूं के आटे को मिलाकर मल्टीग्रेन आटा तैयार करके उसे खाने से लाभ मिलता है तथा गर्भवती महिलाओं के लिए भी पालक, मेथी, सोयाबीन और अजवाइन डालकर ऐसे आटे की रोटी बनाना और उसे खाना फायदेमंद होता है। 
  • बच्चों के लिए भी इस प्रकार का आटा बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक होता है। जो बच्चों के वृद्धि और विकास में सहायक होता है। इसके लिए गेहूं में सोयाबीन, चना और जौ के आटे को मिलाकर मल्टीग्रेन आटा बनाया जा सकता है। 
  • इस तरह के मल्टीग्रेन आटे से शरीर को भरपूर पोषक तत्व मिलते हैं और शरीर में फैट भी कम होता है। इससे शरीर को फाइबर ज्यादा मिलता है। जिस कारण यह प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
  • मल्टीग्रेन आटा दरदरा पीसकर ही खाना चाहिए। यह पाचन तंत्र को मजबूत रखता है और खाने को पौष्टिक बनाता है। इस प्रकार की रोटी में आयरन, विटामिन, प्रोटीन पूरी तरह से मिले हुए होते हैं जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक हैं। 


इस आटे की रोटी बनाने के लिए सभी अनाजों के आटों को मिलाकर उसे गूथना होता है। इसके बाद इसमें नमक, हरी-सब्जियां, पालक तथा और भी अन्य चीजें जो आपको पौष्टिक लगते हैं वे डाल सकते हैं इससे स्वाद बढ़ता है। इसके बाद अब इस आटे को गूथ कर इसकी छोटी-छोटी लोई तैयार करके रोटी बनाकर तवे पर सेकने से यह रोटी बन कर तैयार हो जाती है। पौष्टिकता से भरपूर यह रोटी शरीर को स्वस्थ रखने में अत्यंत ही मददगार साबित होती है इसीलिए सभी को इस तरह की रोटी का सेवन अवश्य करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

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