हार्ट जैसी जानलेवा बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस बिमारी से बचने के लिए प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में 29 सितंबर को "वर्ल्ड हार्ट डे" मनाया जाता है। हृदय मानव शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो सम्पूर्ण शरीर में रक्त का संचार करता है। यदि शरीर को स्वस्थ रखना है तो हृदय को सुरक्षित रखना बेहद आवश्यक है।
अपने इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि साइलेन्ट हार्ट अटैक क्या है? इसका खतरा कैसे उत्पन्न होता है? और इस खतरे को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है?
क्या होता है हार्ट अटैक?
सामान्यतः खून के किसी थक्के के बीच में आने की वजह से खून का हृदय तक न पहुँच पाना जिसके कारण सीने में दर्द होने लगता है।यह बीमारी हार्ट अटैक के नाम से जानी जाती है।
साइलेंट हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट अटैक की भांति साइलेन्ट हार्ट अटैक में भी सीने में दर्द होता है लेकिन कभी - कभी यह दर्द बहुत हल्का होता है।जिसे साइलेंट हार्ट अटैक के नाम से जानते हैं कई बार यह बड़ी खामोशी से लोगों को अपना शिकार बना देता है सामान्यतः लोग इसे गैस की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और जो इनके लिए घातक साबित होती है । रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरी दुनिया में अधिकतर मौतें दिल की बीमारी से होते हैं और इनमें साइलेंट हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या ज्यादा है । दिल के दौरे से 45 फीसदी लोग साइलेंट हार्ट अटैक से मरते हैं।
क्या है साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण?
साधरणतया हार्ट अटैक में सीने में दर्द होने लगता है लेकिन यह जरूरी भी नहीं है कि दर्द होगा ही होगा कई बार हार्ट की बीमारियों से ग्रसित मरीजों के जबड़े, गर्दन ,हाथ ,पैर, पेट में भी दर्द होता है सांस लेने में तकलीफ होती है , दिल बेचैन रहता है, मरीज को उल्टियां और चक्कर आने लगते हैं ,पसीना खूब आता है लेकिन सीने में तेज दर्द ना होने की वजह से लोग यह समझ नहीं पाते हैं कि यह दिल की ही बीमारी है और यह बीमारी कई लोगों को अपना शिकार बना लेती है।
इसे भी पढ़ें: 7 पोषक तत्व शरीर के लिए जरुरी हैं | Essential Nutrition for Health
हृदय रोग कब अधिक खतरनाक हो जाता है?
हृदय रोग का खतरा ज्यादातर सर्दियों में जोखिम भरा हो जाता है क्योंकि सर्दियों में शरीर के तापमान को बरकरार रखने के लिए हृदय को दुगनी मेहनत करनी पड़ती है, रक्तचाप बंद हो जाता है और खून में कई तरह के बदलाव देखने को भी मिलते हैं। सर्दियों में रक्त का थक्का जमने का खतरा अधिक बना रहता है रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। रक्त प्रवाह संकुचित होने लगता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। शरीर का तापमान सामान्य ढंग से कम होने लगता है ,ऑक्सीजन की अधिक मांग होने लगते हैं और हृदय में संक्रमण पैदा करने वाले प्रदूषण आदि का खतरा बढ़ जाता है जो हृदय रोग का मुख्य कारण बनता है।
- किस प्रकार से साइलेंट हार्ट अटैक से बचा जा सकता है
- सीने में दर्द आदि लक्षण होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
- ठंडे में सैर ना करें ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें विटामिन डी का भरपूर मात्रा में लें।
- थोड़ा बहुत एक्सरसाइज जरूर करें (प्राणायाम को )
- तेल व मसालेदार भोजन को खाने से बचें प्रदूषण से दूर रहें।
इस प्रकार प्रत्येक वर्ष साइलेंट हार्ट अटैक से होने वाले खतरों से बचा जा सकता है। सेफ रहिये, सुरक्षित रहिये और इस प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए बने रहें हमारे साथ।